न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Up to date Wed, 23 Sep 2020 07:55 AM IST
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह
– फोटो : ANI
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गौरतलब है कि कृषि विधेयकों पर रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों द्वारा विरोध करते हुए माइक तोड़े गए और कुछ सांसद उपसभापति हरिवंश नारायण के पास वेल तक पहुंच गए। इस पर कार्रवाई करते हुए सभापति वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को निलंबित कर दिया।
उपसभापति हरिवंश ने सांसदों के आचरण को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिट्ठी भी लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, 20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। जेपी के गांव में पैदा हुआ। सिर्फ पैदा नहीं हुआ, उनके परिवार और हम गांव वालों के बीच पीढ़ियों का रिश्ता रहा। गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे हमेशा प्रेरित किया।
यह भी पढ़ें: संसद का मानसून सत्र आज से अनिश्चितकाल के लिए हो सकता है स्थगित
उपसभापति ने लिखा, जयप्रकाश आंदोलन और इन महान विभूतियों की परंपरा में जीवन में सार्वजनिक आचरण अपनाया। मेरे सामने 20 सितंबर को संसद के उच्च सदन जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है। सदन के सदस्यों की ओर से लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई।
नारायण ने लिखा, उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं। सदन में सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी। मेरे ऊपर फेंका। आक्रामक व्यवहार, भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए। हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का पूरा नजारा रात भर मेरे मस्तिष्क में छाया रहा। इस कारण मैं सो नहीं सका।
गौरतलब है कि कृषि विधेयकों पर रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों द्वारा विरोध करते हुए माइक तोड़े गए और कुछ सांसद उपसभापति हरिवंश नारायण के पास वेल तक पहुंच गए। इस पर कार्रवाई करते हुए सभापति वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को निलंबित कर दिया।
Delhi: Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh breaks his one-day quick, which he was observing in opposition to the unruly behaviour with him within the Home by Opposition MPs throughout the passing of agriculture Payments on 20th September pic.twitter.com/F1oA10Gtf3
— ANI (@ANI) September 23, 2020
उपसभापति हरिवंश ने सांसदों के आचरण को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिट्ठी भी लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, 20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। जेपी के गांव में पैदा हुआ। सिर्फ पैदा नहीं हुआ, उनके परिवार और हम गांव वालों के बीच पीढ़ियों का रिश्ता रहा। गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे हमेशा प्रेरित किया।
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उपसभापति ने लिखा, जयप्रकाश आंदोलन और इन महान विभूतियों की परंपरा में जीवन में सार्वजनिक आचरण अपनाया। मेरे सामने 20 सितंबर को संसद के उच्च सदन जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है। सदन के सदस्यों की ओर से लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई।
नारायण ने लिखा, उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं। सदन में सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी। मेरे ऊपर फेंका। आक्रामक व्यवहार, भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए। हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का पूरा नजारा रात भर मेरे मस्तिष्क में छाया रहा। इस कारण मैं सो नहीं सका।
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