स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने फेसबुक इंडिया के अफसर को लेकर किया ट्वीट
खास बातें
- दिल्ली विधानसभा नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे फेसबुक अफसर
- स्वरा भास्कर ने कहा कि क्या डर है…
- स्वरा भास्कर का दिल्ली विधानसभा को लेकर किया गया ट्वीट हुआ वायरल
नई दिल्ली:
दिल्ली दंगों के मामले (Delhi Riots Case) में दिल्ली विधानसभा (Delhi Meeting) के पैनल के नोटिस के खिलाफ फेसबुक (Fb) इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Courtroom) में याचिका दाखिल की है. इस बात को लेकर हाल ही में स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने भी ट्वीट किया है, जो सबका खूब ध्यान खींच रहा है. अपने ट्वीट स्वरा भास्कर ने फेसबुक इंडिया पर तंज कसते हुए कहा कि फेसबुक को क्या डर है. स्वरा भास्कर का फेसबुक इंडिया को लेकर किया गया यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं.
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दिल्ली विधान सभा द्वारा गठित peace & concord committee के बुलावे से बचने के लिए #SupremeCourt का दरवाज़ा खटखटाना? #FacebookIndia को क्या डर है?? कुछ सही सवाल कर रहे होंगे इनसे आप लोग @AamAadmiParty@ArvindKejriwal@raghav_chadhapic.twitter.com/5qzV1iDtPq
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 23, 2020
स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने फेसबुक इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने को लेकर ट्वीट किया, “दिल्ली विधानसभा द्वारा शांति और सद्भाव कमेटी के बुलावे से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना? फेसबुक इंडिया को क्या डर है? कुछ सही सवाल कर रहे होंगे इनसे आप लोग.” बता दें कि फेसबुक इंडिया की इस याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच इस पर सुनवाई करेगी.
दिल्ली दंगों (Delhi Riots Case) को लेकर दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative) की शांति और सद्भाव समिति ने अब फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 23 सितंबर को समिति के समक्ष पेश होकर गवाही सुनिश्चित करने के लिए एक नया नोटिस जारी किया है. समिति द्वारा रविवार को जारी बयान में चेतावनी दी गई है कि नोटिस को न मानना समिति को ‘संवैधानिक रूप से प्रदत्त विशेषाधिकार का उल्लंघन’ माना जाएगा. वहीं, अपनी याचिका में अजीत मोहन ने नोटिस को खारिज करने की मांग की है. याचिका में यह भी कहा गया कि दिल्ली विधानसभा पैनल उसे पेश होने के लिए मजबूर नहीं कर सकती.